पारिजात इंडस्‍ट्रीज़ ने चौतरफा विकास के लिये उठाया अपने मल्‍टी-मार्केट वर्टिकल्‍स का लाभ

पारिजात इंडस्ट्रीज भारत की उन चंद एग्रोकेमिकल कम्पनियों में से एक है, जिनकी निर्यात के तीनों क्षेत्रों – भारतीय ब्राँडेड विक्रय तथा कॉर्पोरेट बल्क सेल्स से लेकर संस्थागत फैक्टर्स तक – में एक अद्वितीय बहु-बाजार उपस्थिति/पैठ है।

खेती काफी हद तक एक मौसमी काम है और यह व्‍यापक रूप से  स्थानीय जलवायु की स्थितियों पर निर्भर करता है। इसके परिणामस्वरूप, किसी बाजार में मौसमी परिस्थितियों के सफल अथवा असफल रहने का सीधा प्रभाव एग्रोकेमिकल कम्पनियों पर पड़ता है। जलवायु में होने वाले परिवर्तनों ने इस स्थिति को और भी अधिक बिगाड़ दिया है।

परंपरागत रूप से, भारतीय एग्रोकेमिकल कम्पनियां बाजार के अधिकतम एक या दो विभागों पर ही केंद्रित होती हैं। पारिजात इंडस्ट्रीज ने घरेलू तथा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय व्यवसाय पर समान रूप से जोर देते हुए, रणनीतिक ढंग से अपना बाजार विकसित किया है।

इस रणनीति से पारिजात इंडस्ट्रीज को दो मुख्य लाभ मिले हैं। पहली बात तो यह है कि पारिजात इंडस्ट्रीज को उन अन्‍तर्राष्‍ट्रीय बाजारों का अनुभव मिला है, जहां कीट संबंधी समस्‍यायें (महामारियाँ) तथा जलवायु संबंधी मुद्दे भारत से मिलते-जुलते हैं, आमतौर पर मिलता-जुलता अक्षांश, जिससे कम्पनी को भारतीय बाजारों के लिए भविष्य के लिए संभावित उत्पादों का पूर्वानुमान करने की अच्‍छी जानकारी मिली। पारिजात इंडस्ट्रीज को स्पेन में व्हाइट फ्लाई को नियंत्रित करने में जो अनुभव प्राप्त हुआ, उस अनुभव ने कम्पनी को बहुत पहले ही भारत में पाइरीप्रोक्सीफेन पंजीकरण शुरू करने के लिए प्रेरित किया, जबकि उस समय कपास उगाने वाले किसानों में यह मॉलीक्यूल उतना प्रचलित भी नहीं था, जितना अब हो गया है। अमरीका में अवशेष स्वीकार्यता स्तर कम किये जाने से ट्राईसाइक्लैजोल – एक चावल फफूँद-नाशक – की घटती मांग को देखते हुये पारिजात इंडस्ट्रीज ने ट्राईसाइक्लैजोल के किसी विकल्प की आवश्यकता का पूर्वानुमान पहले ही लगा लिया था।

इस विविधीकृत रणनीति का दूसरा लाभ जोखिम प्रबन्धन के मामले में मिला है, जिससे घरेलू सीजन की विफलता का अन्तर्राष्‍ट्रीय बाजारों में प्रदर्शन पर कोई प्रभाव न पड़े।

भारतीय और निर्यात बाजारों की विनियामक सुदृढ़ता में निवेश करने से दोनों ही बाजारों में कम्पनी का स्थान मज़बूत हुआ है तथा दोनों बाजारों ने एक दूसरे को बेहतर बनाया है।

पारिजात इंडस्ट्रीज के पास सहायक कम्पनियों, वैश्विक साझेदारों एवं विशाल वितरण नेटवर्क का जो ईकोसिस्टम है, उसने कम्पनी को एग्रोकेमिकल उत्पादों की एक विशाल श्रृंखला प्रदान करने में सक्षम बनाया है। पारिजात इंडस्ट्रीज ने वैश्विक स्तर पर 6 अन्तर्राष्‍ट्रीय कार्यालय स्थापित किए हैं। सहायक कम्पनियों और कार्यालयों के इस नेटवर्क ने कम्पनी को चुनौतीपूर्ण बाजारों में अपनी पैठ बनाने तथा उत्पादों के विविध स्रोतों तक पहुंचने में सक्षम बनाया है। कम्पनी का वैश्विक स्तर पर भिन्न एवं विविध भू-भागों का अनुभव और साथ ही, 300 से अधिक पंजीकरण इसे वैश्विक कारोबार/ग्‍लोबल बिजनेस के लिये एक आदर्श सहभागी बनाते हैं। कम्‍पनी के संचालन, जिसे कि अब एक दशक से अधिक समय हो चुका है, से अब तक इसके ब्राँडेड फॉर्म्‍यूलेशंस का निर्यात 70 से अधिक देशों में पहुंच चुका है।

इसके साथ ही साथ पारिजात इंडस्ट्रीज की घरेलू रणनीति दो स्तंभों पर आधारित है – देश भर में 4000 डीलरों तथा वितरकों के नेटवर्क के माध्यम से ब्राँडेड सेल्स; तथा कॉर्पोरेट  खरीदारों समेत इस उद्योग में अधिकांश प्रमुख भारतीय कम्पनियों को प्रोप्राइटरी उत्पादों (जिनके आयात का अनन्य अधिकार पारिजात इंडस्ट्रीज के पास है) की बिक्री। इस आउट-लाइसेंसिंग रणनीति ने पारिजात इंडस्ट्रीज को अपने अग्रणी उत्पादों के लिए एक अधिक व्यापक स्थान प्राप्त करने में सक्षम किया है। अपने कॉर्पोरेट  सेल डिवीजन के माध्यम से पारिजात इंडस्ट्रीज की रणनीति यह रही है कि – बाजारी हिस्सेदारी के लिए संघर्ष करने के बजाय मार्केट साइज का निर्माण किया जाए।

कम्‍पनी ने विभिन्‍न क्षेत्रों में जल्‍दी प्रवेश करने पर सक्रिय रूप से निवेश किया है और कुछ मामलों में तो यह एमएनसी के बाद पहली भारतीय कम्पनी रही है जिसने नयी पीढ़ी के ऑफ-पेटेन्ट मॉलीक्यूल पंजीकृत करवाये।

पारिजात इंडस्ट्रीज ने वर्ष 2008 में  घरेलू खुदरा व्यवसाय का आरम्भ किया। पारिजात इंडस्ट्रीज के पास अखिल भारतीय उपस्थिति है, एक फॉर्म्‍यूलेशन  संयंत्र है, जो कि अम्बाला, हरियाणा में इसके कृषि केन्द्र (एग्रीकल्चरल हब) के प्रमुख स्थान पर स्थित है; तथा कम्पनी शीघ्र ही एक तकनीकी संयंत्र शुरू करने वाली है, इन सब की सहायता से कम्पनी भारतीय किसानों को 60 से अधिक ब्राँडेड उत्पाद उपलब्‍ध कराती है। पारिजात इंडस्ट्रीज 24 डिपो के माध्यम से काम करती है, इसके पास 300 से अधिक विक्रय कर्मचारी तथा 75 डेवलपमेन्ट एक्जक्यूटिव हैं, जो कि 4000 से अधिक वितरकों के नेटवर्क को सेवा प्रदान करते हैं। पारिजात इंडस्ट्रीज के पास इसके प्रमुख उत्पादों के रणनीतिक 9(3) पंजीकरण हैं, जो कम्पनी की प्रमुख शक्ति हैं तथा इसकी तीव्र प्रगति का कारण हैं। पारिजात इंडस्ट्रीज का सुदृढ़ डीलर नेटवर्क तथा को-मार्केटर्स का ईकोसिस्टम – विभाजित परन्तु लाभदायक एवं तेज़ी से बढ़ रहे भारतीय एग्री-इनपुट बाजारों तक पहुंचने के लिए एक आदर्श माध्यम है। पारिजात इंडस्ट्रीज ने बाजार विकास एवं विस्तार में अपना अनुभव प्रदर्शित किया हैऔर यह उद्योग-जगत के सर्वश्रेष्ठ मार्केटिंग एवं ब्राँड प्रमोशन कार्यक्रमों के साथ जुड़ी हुई है।

 

कम्पनी के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, श्री  केशव आनन्द कहते हैं, जहाँ एक ओर पारिजात इंडस्ट्रीज फसल सुरक्षा बाजार पर ध्यान केन्द्रित करती रहेगी, वहीं दूसरी ओर वैश्विक बाजारों और उन बाज़ारों के विभिन्‍न विभागों में हासिल दक्षता कम्‍पनी की विशिष्‍टता बनी रहेगी।

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सोशल मीडिया के माध्यम से पारिजात इंडस्ट्रीज़ ने किसानों तक बढ़ाई अपनी ब्राँड की पहुँच

रूरल मार्केटिंग में डिजिटल मीडिया की बढ़ती भूमिका और तेज़ी से बदलते तकनीकी माहौल के चलते, किसानों तक अपनी पैठ बनाने में एग्री-इनपुट इंडस्ट्रीज के सामने नई-नई चुनौतियाँ भी हैं और अवसर भी। पारिजात इंडस्ट्रीज ने, एसोसिएटेड मीडिया प्रोडक्शन फर्म (एलआरसीएफ) और टेक्नोलॉजी कम्पनी (पारिजात इन्नोवेशन) का लाभ उठाते हुये देशभर के किसानों तथा डीलरों तक पहुंचने के लिए यू-ट्यूब, व्हाट्सऐप (WhatsApp)  जैसे डिजिटल मीडिया और क्षेत्रीय केबल नेटवर्क का प्रयोग बढ़ा दिया है।

16 भारतीय राज्‍यों में संचालन कर रही, पारिजात इंडस्ट्रीज एग्रोकेमिकल सेक्‍टर की उन कम्‍पनियों में से है, जिन्‍होंने अपने बाज़ार तथा ब्राँड का विस्‍तार करने और किसानों तक अपनी पहुँच बनाने में सोशल मीडिया की क्षमता को सबसे पहले पहचाना। भारतीय व्यावसायिक परिवेश में सोशल मीडिया तथा ई-कॉमर्स बहुत तेज़ी से अपनी पैठ बना रहे हैं, तथा प्रौद्योगिकी संचालित कम्‍पनियाँ इसके लिये अपनी मूलभूत सुविधायें पहले से ही तैयार रख कर, हर अवसर का लाभ उठाने की आशा कर रही हैं।

3 वर्ष पहले शुरू करके, पारिजात इंडस्ट्रीज ने किसानों को लक्ष्‍य करते हुये 7 भिन्न भारतीय भाषाओं में मीडिया कन्टेन्ट का एक विशाल संग्रह तैयार कर लिया है, इसमें प्रशिक्षण देने, ब्राँड निर्माण करने और बाज़ार विस्‍तार के लिये उत्‍पाद जानकारी देने हेतु छोटी क्लिप्‍स तथा लम्बी फिल्में हैं शामिल हैं। पारिजात के फसल पर केन्द्रित ट्यूटोरियल्स, जो कि प्लॉट-लाइंस तथा स्टोरीबोर्ड के साथ मनोरंजक फिल्म के रूप में तैयार किये जाते हैं, केबल टीवी नेटवर्क्स के माध्‍यम से 50 लाख से भी अधिक किसानों द्वारा किसी मनोरंजक कार्यक्रम की तरह देखे जाते हैं। फिल्मों में अभी – कपास, धान, गन्ना तथा सोयाबीन को कवर किया जाता है, इनमें खेती करने के लिए शुरुआत से लेकर अंत तक सर्वश्रेष्‍ठ विधियाँ सिखाई जाती हैं, साथ ही, यह एक अनूठी ब्राँड निर्माण रणनीति भी है। पारिजात इंडस्ट्रीज के पास एलसीडी स्क्रीन फिट की हुई 183 वैनों का बेड़ा है, जो भारत के विभिन्न राज्यों में रात को फिल्म की स्‍क्रीनिंग करती हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार वर्ष 2017 में भारत में 20 करोड़ से अधिक लोग व्हाट्सऐप का प्रयोग कर रहे हैं, और इसमें एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण उपयोगकर्ताओं का है। एनिमेटेड इंफोमर्शियल (जानकारीपूर्ण विज्ञापन) सहित शॉर्ट डिजिटल मीडिया, जो खासतौर से मोबाइल फोन के ज़रिये प्रचार के लिये डिज़ाइन किये गये हैं, ही नये उत्‍पाद लाँच करने में पारिजात की सफलता का मुख्‍य कारण रहे हैं। कपास में व्‍हाइट फ्लाई को नियंत्रित करने वाले अपने उत्‍पाद डैटा के लिये चलाये गये इसके व्‍हॉट्सअप वीडियो कैम्‍पेन ने पारिजात के मार्केटिंग विंग को रूरल मार्केटिंग के लिये राष्‍ट्रीय स्‍तर का अवार्ड जिताया। इसमें डीलर की शिक्षा एवं किसानों की शिक्षा तथा ब्राँडिंग मीडिया के लिये अलग-अलग सामग्रियां हैं।

यू-ट्यूब, स्थानीय केबल टीवी नेटवर्क, व्हाट्सऐप तथा एलसीडी वैन के माध्यम से किए गए डिजिटल कैम्पेन ने कम्पनी के लिये बड़े पैमाने पर लीड जेनेरेट की और साथ ही, एक नि:शुल्क राष्ट्रीय हेल्पलाइन ने इस ब्राँड पहचान को व्यवसाय में परिवर्तित करने में सहायता की। भारत में इस मॉडल की सफलता ने पारिजात इंडस्ट्रीज को अन्तर्राष्‍ट्रीय बाजारों में भी इसी पद्धति को अपनाने के लिए प्रेरित किया और कम्पनी ने पश्चिमी अफ्रीका में कपास के किसानों के लिए फ्रेंच भाषा में सामग्री तैयार की। पारिजात इंडस्ट्रीज के पास ग्रामीण मार्केटिंग की तीसरी-परत के रूप में बहुत सारे कृषि-शास्त्री और कृषि विज्ञानी हैं, जो किसानों को विस्‍तृत  विवरण, प्रदर्शन  (डेमोन्सट्रेशन) तथा प्रशिक्षण  देते हैं और तथा डिजिटल मीडिया द्वारा की गई पहल को और मज़बूत बनाते हैं।

पारिजात इंडस्ट्रीज की निदेशक आदिति आनन्द कहती हैं “ग्रामीण मार्केटिंग में टेक्नोलॉजी की बहुत बड़ी भूमिका है। बहु-भाषी फॉर्मेट में उच्‍च-स्‍तरीय वीडियो कन्टेन्ट बनाने की हमारी योग्‍यता ही हमें तीव्र गति से बाजार विस्तार तथा ब्राँड निर्माण के अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बना रही है। डिजिटल और सोशल मीडिया इस पूरे परिदृश्य में बहुत बड़ा परिवर्तन लाने जा रहे हैं और प्रगतिशील कम्पनियों के सामने चुनौती है यह है, कि वे बुनियादी मार्केटिंग तथा सेल्स इन्फ्रास्ट्रक्चर पर टिके हुये ही इन नये साधनों (टूल्‍स) को अपनाये और अपनी मौज़ूदा प्रणालियों के साथ एकीकृत करें। जल्दी शुरुआत करने के कारण हमने सोशल मीडिया की सम्भावनाओं का अधिकतम लाभ उठाने के लिए आवश्यक मूमेन्टम हासिल कर लिया है/गति हासिल कर ली है।”

पारिजात इंडस्ट्रीज एक इन्टीग्रेटिड फसल सुरक्षा एवं जन स्वास्थ्य रसायन निर्माता कम्पनी है, इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है तथा उत्पादन केन्द्र अम्बाला, हरियाणा में है। पारिजात इंडस्ट्रीज के ब्राँडेड एग्रोकेमिकल उत्‍पाद भारत में तथा पांचों महाद्वीपों के देशों में बेचे जाते हैं। पारिजात इंडस्‍ट्रीज़ के पास 400 अन्‍तर्राष्‍ट्रीय पंजीकरण हैं और कुछ अब भी प्रक्रिया में हैं। इस प्रकार कम्‍पनी ने पाँचों महाद्वीपों में गहन तकनीकी तथा नियामक जानकारी हासिल कर ली है।

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अच्छे मानसून ने बढ़ाई खरीफ फसलों में एग्रोकेमिकल की मांग, तो पारिजात इंडस्ट्रीज ने लाँच किये 2 नए उत्पाद

भारत की अग्रणी एग्रोकेमिकल कम्पनी, पारिजात इंडस्ट्रीज ने इस खरीफ सीजन में 2 नए फॉर्म्‍यूलेशन  के लाँच की घोषणा की है।

लगातार 2 साल अच्‍छी बारिश न होने के कारण, अब एग्रोकेमिकल कम्पनियां मांग में तेज़ी का अनुमान कर रही हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, जून से लेकर सितम्बर तक, चार-महीने के मानसूनी सीजन के दौरान देश के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश भागों में बारिश सामान्य रही है। उत्तरी तथा पश्चिमी भारत के प्रमुख कृषि पैदावार वाले राज्‍यों, जिनमें उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, पश्चिम बंगाल, तथा ओडिशा शामिल हैं, में वर्षा सामान्य या सामान्‍य से अधिक रही। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, सीजन के शेष दो महीनों के दौरान भी  इसके सामान्य बने रहने की सम्भावना है।

इन बारिशों के कारण खरीफ की अच्छी फसल होगी, और स्वस्थ फसल सुनिश्चित करने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में फसल सुरक्षा उत्पादों की काफी मांग रहेगी, क्योंकि मानसूनी बारिश के कारण कीटों और घासफूस को भी पनपने के लिये एक अनूकल परिवेश मिल जाता है। धान, कपास और सोयाबीन जैसी फसलों की कटाई का चरण निकट आने के साथ ही किसान एक स्वस्थ फसल काटने के लिए सभी सम्भव प्रयास कर रहे हैं, ताकि उन्हें अधिक से अधिक लाभ
मिल सके।

कीटों के पुन: आने, खासतौर से कपास में व्हाइट फ्लाई, ने गत वर्ष किसानों के धैर्य की परीक्षा ले ली थी। व्हाइट फ्लाई, साथ ही बोरर्स तथा अन्य चूसक कीट पुन: पनपने लगे हैं और इनकी संख्या बढ़ रही है। यही समय है, जब किसानों को खेत में खड़ी अपनी फसलों को बचाना है, इससे पहले कि इन पर संकट गहराये।

पारिजात इंडस्ट्रीज द्वारा लाँच किये गये दो उत्पादों में कपास पर व्हाइट फ्लाई के लिए लियोनिस नामक कीटनाशक उत्पाद और चावल पर व्हाइट बैक्ड प्लांट हॉपर, ब्राउन प्लांट हॉपर्स तथा ग्रीन लीफ हॉपर्स के लिए मोजाटी नामक कीटनाशक उत्पाद शामिल हैं।

“पारिजात इंडस्ट्रीज ने पंजीकरण तथा उत्पाद विकास के लिए पिछले कुछ वर्षों के दौरान एक इनहाउस वैज्ञानिक तथा तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जो महत्वपूर्ण निवेश किया है, उसकी सहायता से वह भारतीय और अन्तर्राष्‍ट्रीय  बाजारों में नए फॉर्म्‍यूलेशंस की एक श्रृंखला जारी करने में सक्षम है।”  –विक्रम आनन्द, निदेशक।

पारिजात इंडस्ट्रीज ब्राँडेड एग्रोकेमिकल फॉर्म्‍यूलेशंस की एक भारतीय निर्माता तथा भारत में उत्पादों की विक्रेता है, कम्पनी के पास 48 से अधिक देशों में 400 से अधिक पंजीकरण हैं। कम्पनी अमेरिका, अफ्रीका एवं एशिया के ग्राहकों के अतिरिक्त भारत, सी.आई.एस., रूस, में एक व्यापक वितरण नेटवर्क को सेवा प्रदान करती है।

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हर अवसर का लाभ उठाने को तैयार पारिजात इंडस्ट्रीज ने 45 देशों में बनाया अन्तर्राष्ट्रीय ट्रेडमार्क्स का एक कोश

वैश्विक अर्थव्यवस्था में किसी भारतीय मैन्युफैक्चरिंग/उत्‍पादक कम्पनी के लिये ठोस ब्राँड निर्माण ही कारोबार में मुख्‍य सहायक घटक है। सफल ब्राँड रणनीति एक ऐसी मृगतृष्‍णा है, जो सभी कम्‍पनियों के मन में होती है। लेकिन अन्तर्राष्‍ट्रीय ब्राँड्स का एक प्रोफाइल बना डालना एक बिल्‍कुल ही अलग बात है। एक ही ब्राँड बनाने में कई घटकों का एक कीमती, दीर्घावधि तथा जटिल संयोजन लगता है, तो ज़ाहिर है, अन्‍तर्राष्‍ट्रीय बाज़ारों में ब्राँड्स का एक पूरा का पूरा कोश (वॉर चेस्‍ट) बना डालने में तो ऐसे कई घटक लगेंगे। किसी विदेशी बाजार में एक ट्रेडमार्क हासिल करना, ब्राँड रणनीति के आधार-स्‍तंभ होते हैं। ट्रेडमार्क्स या तो अलग-अलग देशों में विनिर्दिष्ट ट्रेडमार्क प्राधिकरणों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है, अथवा डब्ल्यूआईपीओ, ईयूआईपीओ, एआरआईपीओ जैसे अन्‍तर्राष्‍ट्रीय प्रोटोकॉल के माध्यम से।

भारतीय कम्पनियां अब केवल भारत में ही बढ़त हासिल करके संतुष्ट नहीं हैं, बल्कि इस चुनौतीपूर्ण मार्ग पर आगे बढ़कर अन्‍तर्राष्‍ट्रीय बाज़ारों तक अपनी पैठ बनाने को लेकर गंभीरता से सोच रही हैं और चीन के सस्‍ते दामों तथा पश्चिमी के स्‍थापित बाज़ारों एवं बहु-राष्‍ट्रीय ब्राँडों का मुकाबला करने के लिये उनमें एक स्‍वाभाविक इच्‍छा का होना आवश्‍यक है। बहुत-सी भारतीय कम्पनियों ने अन्तर्राष्‍ट्रीय ब्राँड्स निर्मित किये हैं। पारिजात इंडस्ट्रीज, उच्च गुणवत्ता वाले एग्रोकेमिकल फॉर्मूलेशन की निर्माता, भारत के अग्रणी ब्राँडेड एग्रोकेमिकल निर्यातकों में से एक है और इसके पास अन्‍तर्राष्‍ट्रीय ब्राँडों तथा रजिस्‍टर्ड ट्रेडमार्क्स का एक शानदार संग्रह है।

पारिजात इंडस्ट्रीज एशिया, अफ्रीका, यूरोप, उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका तथा ओशिनिया एवं सीआईएस में निर्यात करती है; कम्पनी एवं इसकी अन्तर्राष्‍ट्रीय सहायक कम्पनियों ने शांतिपूर्वक ढंग से एक अन्तर्राष्‍ट्रीय ब्राँड निर्माण रणनीति पर काम करना शुरू किया और विश्‍व भर के 45 देशों में ट्रेडमार्क्स का अपना एक शानदार कोश बना लिया। साथ ही, 10 ट्रेडमार्क पाइपलाइन मिलने की प्रक्रिया में हैं। इसमें इसका मूल ब्राँड पारिजात तथा/अथवा इसके ब्राँडेड फॉर्म्‍यूलेटेड उत्‍पादों के लिये ट्रेडमार्क शामिल हैं। अलग-अलग महाद्वीपो के कई देशों में ब्राँडेड फॉर्म्‍यूलेशंस में ट्रेडमार्क प्राप्त किए जा चुके हैं, जैसे कि इंग्लैंड, फ्रांस, कनाडा, बांग्लादेश, म्यांमार, सूडान, केन्या, ईराक, रूस, ज्‍यॉर्जिया, पेरू, एक्‍वादोर तथा गयाना। इनके अलावा कम्पनी के पास पहले से ही भारतीय बाजार में 60 से अधिक ट्रेडमार्क्ड ब्राँड्स हैं, कम्पनी भारत के 22 राज्यों में अपना माल बेचती है। एक ब्राँड हासिल करने में पर्याप्त समय और निवेश की ज़रूरत पड़ती है, इसमें 6 महीने से लेकर 3 वर्ष तक का समय लग सकता है। यदि कोई आपत्ति की जाती है और मुकदमा चलता है, तो ऐसे में कई वर्ष भी लग सकते हैं।

किसी भी देश में एक कीटनाशक फॉर्म्‍यूलेशन का पंजीकरण हासिल करना एक लम्बी प्रक्रिया है, और इसमें कम से कम औसतन 2-3 वर्ष लग जाते हैं। इसलिए ब्राँडिंग एवं ट्रेडमार्क हासिल करने की प्रक्रिया उत्पाद पंजीकरण साथ- साथ ही हो जानी चाहिये। पारिजात इंडस्ट्रीज ने 45 देशों में 400 उत्पाद पंजीकरण का एक शानदार आँकड़ा तैयार कर लिया है, जो कि अन्‍तर्राष्‍ट्रीय बाज़ारों में ट्रेडमार्क्ड ब्राँड्स निर्माण के लिये एक आधारशिला का काम करेगा और आगामी वर्षों में पारिजात इसका पूरा लाभ उठाने को तैयार है।

पारिजात इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एवं प्रबन्धन निदेशक केशव आनन्द कहते हैं “वैश्विक स्तर पर पंजीकरण करवाना तथा ट्रेडमार्क्स हासिल करना हमारी एक रणनीतिक पहल है, इसकी सहायता से हम उचित अवसर आने पर प्रत्येक बाजार में बड़े पैमाने पर सफलता हासिल करेंगे।”

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हर अवसर का लाभ उठाने को तैयार पारिजात इंडस्ट्रीज ने 45 देशों में बनाया अन्तर्राष्ट्रीय ट्रेडमार्क्स का एक कोश

वैश्विक अर्थव्यवस्था में किसी भारतीय मैन्युफैक्चरिंग/उत्‍पादक कम्पनी के लिये ठोस ब्राँड निर्माण ही कारोबार में मुख्‍य सहायक घटक है। सफल ब्राँड रणनीति एक ऐसी मृगतृष्‍णा है, जो सभी कम्‍पनियों के मन में होती है। लेकिन अन्तर्राष्‍ट्रीय ब्राँड्स का एक प्रोफाइल बना डालना एक बिल्‍कुल ही अलग बात है। एक ही ब्राँड बनाने में कई घटकों का एक कीमती, दीर्घावधि तथा जटिल संयोजन लगता है, तो ज़ाहिर है, अन्‍तर्राष्‍ट्रीय बाज़ारों में ब्राँड्स का एक पूरा का पूरा कोश (वॉर चेस्‍ट) बना डालने में तो ऐसे कई घटक लगेंगे। किसी विदेशी बाजार में एक ट्रेडमार्क हासिल करना, ब्राँड रणनीति के आधार-स्‍तंभ होते हैं। ट्रेडमार्क्स या तो अलग-अलग देशों में विनिर्दिष्ट ट्रेडमार्क प्राधिकरणों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है, अथवा डब्ल्यूआईपीओ, ईयूआईपीओ, एआरआईपीओ जैसे अन्‍तर्राष्‍ट्रीय प्रोटोकॉल के माध्यम से।

भारतीय कम्पनियां अब केवल भारत में ही बढ़त हासिल करके संतुष्ट नहीं हैं, बल्कि इस चुनौतीपूर्ण मार्ग पर आगे बढ़कर अन्‍तर्राष्‍ट्रीय बाज़ारों तक अपनी पैठ बनाने को लेकर गंभीरता से सोच रही हैं और चीन के सस्‍ते दामों तथा पश्चिमी के स्‍थापित बाज़ारों एवं बहु-राष्‍ट्रीय ब्राँडों का मुकाबला करने के लिये उनमें एक स्‍वाभाविक इच्‍छा का होना आवश्‍यक है। बहुत-सी भारतीय कम्पनियों ने अन्तर्राष्‍ट्रीय ब्राँड्स निर्मित किये हैं। पारिजात इंडस्ट्रीज, उच्च गुणवत्ता वाले एग्रोकेमिकल फॉर्मूलेशन की निर्माता, भारत के अग्रणी ब्राँडेड एग्रोकेमिकल निर्यातकों में से एक है और इसके पास अन्‍तर्राष्‍ट्रीय ब्राँडों तथा रजिस्‍टर्ड ट्रेडमार्क्स का एक शानदार संग्रह है।

पारिजात इंडस्ट्रीज एशिया, अफ्रीका, यूरोप, उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका तथा ओशिनिया एवं सीआईएस में निर्यात करती है; कम्पनी एवं इसकी अन्तर्राष्‍ट्रीय सहायक कम्पनियों ने शांतिपूर्वक ढंग से एक अन्तर्राष्‍ट्रीय ब्राँड निर्माण रणनीति पर काम करना शुरू किया और विश्‍व भर के 45 देशों में ट्रेडमार्क्स का अपना एक शानदार कोश बना लिया। साथ ही, 10 ट्रेडमार्क पाइपलाइन मिलने की प्रक्रिया में हैं। इसमें इसका मूल ब्राँड पारिजात तथा/अथवा इसके ब्राँडेड फॉर्म्‍यूलेटेड उत्‍पादों के लिये ट्रेडमार्क शामिल हैं। अलग-अलग महाद्वीपो के कई देशों में ब्राँडेड फॉर्म्‍यूलेशंस में ट्रेडमार्क प्राप्त किए जा चुके हैं, जैसे कि इंग्लैंड, फ्रांस, कनाडा, बांग्लादेश, म्यांमार, सूडान, केन्या, ईराक, रूस, ज्‍यॉर्जिया, पेरू, एक्‍वादोर तथा गयाना। इनके अलावा कम्पनी के पास पहले से ही भारतीय बाजार में 60 से अधिक ट्रेडमार्क्ड ब्राँड्स हैं, कम्पनी भारत के 22 राज्यों में अपना माल बेचती है। एक ब्राँड हासिल करने में पर्याप्त समय और निवेश की ज़रूरत पड़ती है, इसमें 6 महीने से लेकर 3 वर्ष तक का समय लग सकता है। यदि कोई आपत्ति की जाती है और मुकदमा चलता है, तो ऐसे में कई वर्ष भी लग सकते हैं।

किसी भी देश में एक कीटनाशक फॉर्म्‍यूलेशन का पंजीकरण हासिल करना एक लम्बी प्रक्रिया है, और इसमें कम से कम औसतन 2-3 वर्ष लग जाते हैं। इसलिए ब्राँडिंग एवं ट्रेडमार्क हासिल करने की प्रक्रिया उत्पाद पंजीकरण साथ- साथ ही हो जानी चाहिये। पारिजात इंडस्ट्रीज ने 45 देशों में 400 उत्पाद पंजीकरण का एक शानदार आँकड़ा तैयार कर लिया है, जो कि अन्‍तर्राष्‍ट्रीय बाज़ारों में ट्रेडमार्क्ड ब्राँड्स निर्माण के लिये एक आधारशिला का काम करेगा और आगामी वर्षों में पारिजात इसका पूरा लाभ उठाने को तैयार है।

पारिजात इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एवं प्रबन्धन निदेशक केशव आनन्द कहते हैं “वैश्विक स्तर पर पंजीकरण करवाना तथा ट्रेडमार्क्स हासिल करना हमारी एक रणनीतिक पहल है, इसकी सहायता से हम उचित अवसर आने पर प्रत्येक बाजार में बड़े पैमाने पर सफलता हासिल करेंगे।”

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प्रथम सौर संयंत्र की स्‍थापना के साथ पारिजात इंडस्ट्रीज ने किया भारत के सौर ऊर्जा लक्ष्य में योगदान

जीवाश्म ईंधनों के लगातार उपयोग में बहुत-सी चुनौतियां आने वाली हैं। ग्लोबल वार्मिंग तथा अन्‍य पर्यावरण संबंधी मुद्दों से लेकर भू-राजनैतिक तथा सैन्‍य टकरावों और पिछले कुछ समय से ईंधन के मूल्‍यों में देखी जा रही लगातार तथा भारी वृद्धि तक; अक्षय (नवीकरणीय) ऊर्जा ही बढ़ती हुई ऊर्जा चुनौतियों का एकमात्र समाधान है, क्योंकि यह प्रचुर मात्रा में है, अनंत है और पर्यावरण के अनुकूल है।

30 एवं 31 जुलाई 2012 को पूरे विश्व ने भारत का सबसे बड़ा पावर ब्लैकआउट देखा (दि ग्रेट इंडिया आउटेज), जो कोलकाता से लेकर नई दिल्ली तक फैला हुआ था। उत्‍तरी पावर ग्रिड के फेल हो जाने की वजह से यह ब्लैकआउट हुआ, जिसके चलते 70 करोड़ लोगों को बिना बिजली के रहना पड़ा।

जनवरी 2015 में भारत सरकार ने अपनी सौर योजनाओं में विस्तार किया, अब सरकार का लक्ष्य वर्ष 2022 तक 100 अरब अमरीकी डॉलर का निवेश तथा 100 जीडब्ल्यू की सौर क्षमता हासिल करना है। पेरिस में 2015  सीओपी21 जलवायु सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि “भविष्‍य में ऊर्जा के लिये दुनिया को सौर ऊर्जा को अवश्य अपनाना चाहिए। विकासशील देशों के करोड़ों लोग समृद्ध हो रहे हैं, ऐसे में संवहनीय धरती की हमारी आशा एक साहसिक, वैश्विक पहल पर टिकी हुई है।” इस पहल की तर्ज पर और पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने की अपनी प्रतिबद्धता के चलते, पारिजात इंडस्ट्रीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने हाल ही में अम्बाला, हरियाणा स्थित अपने निर्माण संयंत्र में एक सौर संयंत्र में निवेश कर, इसे स्थापित
किया है।

हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजेन्सी (एचएआरईडीए) की राज्य नीति के अन्तर्गत, पारिजात इंडस्ट्रीज ने एक ग्रिड-टाइड सोलर रूफटॉप इंस्‍टॉल  किया है, जो 450केडब्ल्यू ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम है। जहाँ एक ओर, यह हमारी फैक्टरी की 90 प्रतिशत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये पर्याप्‍त है; वहीं अतिरिक्त या अप्रयुक्त बिजली को एचएआरईडीए द्वारा स्‍थापित की गई ग्रिड में जोड़ दिया जाएगा, जिससे पारिजात इंडस्ट्रीज के निर्माण परिसर के बाहर, आस-पास के गांव इसे उपयोग कर सकें।

जैसे-जैसे ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों के बारे में जागरुकता बढ़ रही है, अधिक से अधिक कॉर्पोरेट सौर ऊर्जा में निवेश कर रहे हैं। वैसे तो भारत में आईटी, स्टील, फार्मास्यूटिकल इत्‍यादि क्षेत्र के कई उद्योगों ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में पहल की है; लेकिन कृषि-रसायन के क्षेत्र में अभी मुट्ठी भर ही कम्‍पनियाँ हैं, जो सौर ऊर्जा उपक्रमों से जुड़ी हैं। एग्रोकेमिकल उद्योग के बड़े-बड़े कारोबारों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही पारिजात इंडस्ट्रीज की मौलिक प्रतिबद्धता है, एक हरित, अक्षय ऊर्जा स्रोत की रचना करना। साथ ही, यह वर्ष 2021 तक 100 जीडब्ल्यू सौर बिजली उत्पन्न करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता में एक छोटा-सा योगदान भी है। पारिजात इंडस्ट्रीज को वर्ष 2015 में अन्तरराष्ट्रीय पर्यावरण प्रबन्धन पुरस्कार भी दिया गया था।

“पारिजात इंडस्ट्रीज द्वारा प्रथम सौर ऊर्जा निर्माण क्षमता की स्थापना – जिम्मेदार पर्यावरण पद्धतियों के प्रति कम्पनी की प्रतिबद्धता की तर्ज पर है।” – विक्रम आनन्द, निदेशक

पारिजात इंडस्ट्रीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कम्पनी (एमएनसी) है, जो पौध/पादप संरक्षण उत्पादों का निर्माण एवं विक्रय करती है। विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय एवं आईएसओ प्रमाणनों के साथ पारिजात इंडस्ट्रीज – मुख्यत: भारत, सी.आई.एस एवं रूस के साथ-साथ विश्व के 70 से अधिक देशों में एक गहन वितरण नेटवर्क संचालित करती है। इंडिया एग्री बिजनेस फंड II के इन्वेस्टमेन्ट एडवाइज़र्स, रैबो ईक्विटी एडवाइज़र्स ने वर्ष 2016 में एक माईनॉरिटी हिस्सेदारी के अधिग्रहण हेतु पारिजात इंडस्ट्रीज में निवेश
किया है।

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पारिजात इंडस्ट्रीज ने ग्रामीण युवाओं शिक्षा के सपने को पूरा किया

कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्‍व (सीएसआर) एक विश्वव्यापी अवधारणा है, जिसे वैश्विक स्तर पर स्वीकार एवं प्रयोग किया जाता है। सीएसआर गतिविधियां किसी कम्पनी की सामाजिक एवं पर्यावरण संबंधी गतिविधियों को उसके व्यावसायिक उद्देश्यों एवं मूल्यों के साथ संरेखित
करती हैं।

एक सामाजिक रूप से जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक होने के नाते पारिजात इंडस्ट्रीज इंडिया प्राईवेट लिमिटेड ने विभिन्न  सामुदायिक परियोजनाओं के माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों के समुदायों को प्रभावी रूप से लाभ पहुंचाया है। पारिजात इंडस्ट्रीज की सीएसआर गतिविधियां दर्शाती हैं कि कम्पनी अपनी प्रत्येक परियोजना के माध्यम से समुदायों को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। पारिजात इंडस्ट्रीज का सीएसआर विजन/ध्‍येय,  दीर्घकालिक/चिरस्‍थायी  समाधान प्रदान करके समुदायों के सामाजिक, सांस्कृतिक, तथा आर्थिक विकास में निरंतर सक्रिय योगदान करना है। पारिजात द्वारा की गई सामाजिक पहलें शिक्षा, रोजगार सृजन, कृषि, पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, ग्रामीण विकास, खेलकूद तथा एवं हमारी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्रों में हैं।

पारिजात ऊर्जा चक्र (पीयूसी) की शुरुआत वर्ष 2013 में की गई थी। इसका उद्देश्य पारिजात इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमिटेड की सीएसआर पहल के अन्तर्गत अम्बाला, हरियाणा के गांवों को सशक्त बनाना था। पीयूसी का हमेशा यही उद्देश्य रहा है कि शिक्षा, संगीत, खेलकूद एवं कौशल विकास के माध्यम से ग्रामीण बच्चों का समग्र विकास किया जाए; पीयूसी ग्रामीण युवाओं के रोजगार कौशल और व्यक्तित्व को सुधारने के लिए एनआईआईटी फाउंडेशन के साथ मिलकर परियोजनाएं चलाता है।

पीयूसी मूल रूप से एक कंप्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र है, जो कैरियर तथा नॉन-कैरियर दोनों ही तरह के कोर्स संचालित करता है, ताकि जॉब मार्केट में प्रवेश करने वाले ग्रामीण युवाओं के रोजगार कौशल और व्यक्तित्व को बेहतर बनाया जा सके। कैरियर कोर्सेज में कक्षा 12 तथा आगे के विद्यार्थियों के लिए डेटा एन्ट्री, टैली तथा एफएंडबी कोर्स शामिल हैं; तथा नॉन-कैरियर कोर्सेज में बेसिक एवं प्रोफेश्‍नल आईटी एलीमेन्ट्स  तथा सोशल नेटवर्क में सर्टिफिकेट कोर्सेज शामिल है। नॉन-कैरियर कोर्सेज आमतौर पर 12-17 वर्ष की आयु वाले बच्चे करते हैं।

पारिजात इंडस्ट्रीज की एक और शानदार सामाजिक पहल है आनन्द फाउंडेशन, जो कि सॉफ्ट स्किल्स एंगेजमेन्ट का एक शानदार कार्यक्रम संचालित कर रही है, जो पारिजात ऊर्जा चक्र में एनआईआईटी फाउंडेशन द्वारा ऑफर किए जाने वाले कौशल विकास कोर्स का संपूरक है। इसमें संगीत, खेलकूद, पठन-पाठन एवं सार्वजनिक संभाषण शामिल है। साथ ही अम्बाला के सरकारी विद्यालयों में बैडमिन्टन कोर्ट की एक श्रृंखला निर्मित की जा रही है। अम्बाला के सरकारी विद्यालयों में स्वच्छ पेय जल का प्रावधान आनन्द फाउंडेशन (एएफ) की एक और शानदार पहल है।

आनन्द फाउंडेशन (एएफ) की आर्ट इंटर्नशिप, अकादमिक परिवेश के बाहर विद्यार्थियों के विद्वता/अध्‍ययन एवं विकास के अनुभवों का बेहतर बना रही है। इन इंटर्नशिप का उद्देश्य है युवाओं का एक ऐसा समूह तैयार करना है, जो न केवल विविधता और हमारी अमूर्त सांस्‍कृतिक धरोहर को सराहे, बल्कि उस समुदाय की भी पड़ताल करें, जिसमें वे फल-फूल रहे हैं।

पारिजात इंडस्ट्रीज की सामाजिक पहलें केवल शिक्षा के क्षेत्र में ही काम नहीं करती है, बल्कि पर्यावरण को बेहतर बनाने में भी योगदान करती हैं। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में प्लांटोलॉजी के साथ मिलकर नियमित वृक्षारोपण अभियान चलाये जाते हैं, इसका नेतृत्व एनएसजी के साथ मिलकर श्रीमती राधिका आनन्द करती हैं। ये अभियान “फलवान-सभी के लिए फल” मिशन के अन्तर्गत चलाये जाते हैं। आज तक 1,85,000 से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं।

 “पारिजात कम्पनी की सीएसआर गतिविधियां इसके सिद्धांत की प्रमुख फिलोफसी के साथ पूरी तरह से फिट बैठती है, कि – कम्पनी के सभी हितधारकों का ध्यान रखा जाए/की परवाह की जाये। इस प्रकार हमारे सीएसआर ने कम्पनी के मौजूदा लोकाचार का विस्तार मात्र किया है।” – विक्रम आनन्द, निदेशक

पारिजात इंडस्ट्रीज की सीएसआर गतिविधियां दर्शाती हैं कि कम्पनी अपनी प्रत्येक परियोजना के माध्यम से समुदायों को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इनका विजन/ध्‍येय, दीर्घकालिक/चिरस्‍थायी  समाधान प्रदान करके समुदायों के सामाजिक, सांस्कृतिक, तथा आर्थिक विकास में निरंतर सक्रिय योगदान करना है। पारिजात कम्पनी समूह विश्व के 70 से अधिक देशों में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता वाले एग्रोकेमिकल उत्पाद प्रदान करता है, जिन्हें नैतिक तरीके से बनाया (प्रोड्यूस) और मँगवाया (सोर्स) जाता है। कम्पनी पिछले 10 वर्षों से गुणवत्तापूर्ण, किफायती, असरदार फसल सुरक्षा रसायन प्रदान करके तथा वैश्विक साझेदारी करके  दुनियाभर के किसानों को सेवायें प्रदान कर रही है।

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मौसम में बदलाव, किसानों के लिये संकट

कई सालों की अनियमित बारिश के बाद एक अच्‍छे मानसून की भविष्‍यवाणी किसानों के लिये वरदान साबित होगी। लेकिन अगर पिछले अनुभवों पर नज़र डालें, तो मौसमी परिस्थितियाँ अनुकूल रहने के बावज़ूद भी, कीटों का अप्रत्‍याशित हमला किसानों की मेहनत पर पानी फेर सकता है। वर्ष 2015 में पंजाब में कपास पर सफेद मक्खियों (व्‍हाइट फ्लाई) के हमले ने पंजाब के पूरे कपास क्षेत्र की 75 प्रतिशत फसल बर्बाद कर दी थी, जिससे लगभग 4,200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

व्‍हाइट फ्लाई, ब्राउन प्‍लांट हॉपर्स, ब्‍लास्‍ट तथा फफूँद रोग जैसे फसल संबंधी मुद्दे मुख्‍यत: जलवायु में अनिश्चित परिवर्तन, बारिश के पैटर्न में गड़बड़ी और ग्‍लोबल वार्मिंग (भूमंडलीय तापक्रम वृद्धि) के चलते पैदा होते हैं।

ऐसी स्थिति में, संयोजित उत्‍पादों/कॉम्बिनेशन प्रोडक्ट अथवा नई पीढ़ी के उत्‍पादों, जिनकी पहुँच अपेक्षाकृत अधिक व्‍यापक (ब्रॉड स्प्रेक्ट्रम) हो का प्रयोग इन मुद्दों से अधिक प्रभावी ढंग से निबटने में मदद कर सकता है। पारिजात इंडस्ट्रीज़ का क्रेसोक्सिम-मिथाइल एक नये रसायन वाला फफूँदीनाशक है, जिसमें रोग-प्रतिरोधी तथा रोग-निवारक, दोनों ही क्षमतायें मौज़ूद भी हैं और उपचारात्‍मक गुण भी; यह बीजाणु अंकुरण पर रोक लगाकर रोग को शुरुआती चरण में ही समाप्त कर देता है, इसे चावल, अंगूर, मक्का, सोयाबीन आदि जैसी विभिन्न फसलों में ब्लास्ट एवं माइल्ड्यू/फफूँद रोग का उपचार करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। पारिजात का पाइरीप्रोक्सीफेन 10% + बाईफेन्थ्रिन 10% ईसी एक कीटनाशक है जो कपास में लगने वाले व्हाइटफ्लाई की रोकथाम करता है; अलग-अलग चरणों के लिए दो भिन्‍न स्प्रे की बजाय यह कॉम्बिेशन प्रोडक्ट – शुरुआती और बाद के, दोनों ही चरण वाले व्हाइट-फ्लाई को समाप्त करने में सहायक, जिसके कारण यह किसानों के लिए एक आदर्श निवेश है। पारिजात इंडस्ट्रीज का एक और ब्रॉड-स्पेक्ट्रम कॉम्बिनेशन कीटनाशक है फिप्रोनिल (फाइप्रोनिल) 4% + थाइमेथॉक्सम 4% एससी – इसे चावलो को हॉपर्स से सुरक्षित रखने के लिये प्रयोग किया जाता है; दोनों में से किसी भी मॉलीक्यूल के सम्पर्क में आने या उसका सेवन करने पर कीट मर जाते हैं, यह त्‍वरित तथा सकारात्‍म्‍क परिणाम सुनिश्चित करता है।

“बाजार में उपलब्ध स्टैंडअलोन प्रोडक्ट्स (एकल उत्‍पादों) तथा ऐसे ही कई अन्‍य उत्‍पादों के मुकाबले पारिजात के अनूठे कॉम्बिनेशन प्रोडक्ट्स (कीटनाशकों पर) लम्बे समय तक नियंत्रण प्रदान करते हैं। हम सुनिश्चित करते हैं कि हमारे नए उत्पाद पर्यावरण के लिए हानिकारक ना हों, उनकी थोड़ी-सी मात्रा ही पर्याप्त हो, वे ज्‍़यादा से ज्‍़यादा असरदार हों और किसानों के लिए एक फायदेमंद निवेश साबित हों। हम किसानों को वैकल्पिक तथा एवं प्रभावी समाधान उपलब्‍ध कराने के उद्धेश्‍य से नियमित रूप से नई पीढ़ी के उत्पाद पेश करते रहते हैं। जहाँ एक ओर, दो कॉम्बिनेशन उत्पाद अनूठे हैं और भारतीय किसानों के लिए पहली बार पारिजात इंडस्‍ट्रीज़ द्वारा उपलब्ध करायें जा रहे हैं, वहीं क्रेसॉक्सिम मिथाइल अभी भारत में केवल एक ही कम्पनी के पास उपलब्ध है।” – आर वेणुगोपाल (निदेशक)

पारिजात वैश्विक पहुंच वाली एक 35-वर्ष-पुरानी भारतीय बहुराष्ट्रीय कम्पनी (एमएनसी) है। पारिजात इंडस्ट्रीज पिछले 10 वर्षों से अन्तर्राष्‍ट्रीय स्तर की गुणवत्ता वाले फसल सुरक्षा उत्पाद प्रदान कर रही है, जिन्‍हें नैतिक तरीके से बनाया तथा मँगवाया जाता है। पारिजात इंडस्ट्रीज का मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में है;
7 अन्तर्राष्‍ट्रीय कार्यालयों और  भारत, रूस एवं सीआईएस तथा पश्चिमी अफ्रीका में एक्‍सक्‍ल्‍यूसिव वितरण तन्‍त्र के साथ पारिजात 70 से अधिक देशों में मौजूद है।

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Parijat Industries leverages its multi market verticals for synergistic growth

Parijat Industries is one of the few Indian Agrochemical companies with a unique multi market presence in all three verticals of exports, Indian branded sales and corporate bulk sales to institutional factors.

Agriculture by its very nature is seasonal and largely dependent on local climatic conditions. Consequently, agrochemical companies are directly impacted by success or failure of climatic season in a market. This has been further exacerbated by climate change.

Conventionally, Indian Agchem companies are focused on only one section or two of the market at maximum.  Parijat has strategically built its market with equal emphasis on domestic and international business.

This strategy has provided two key advantages to Parijat. First, international exposure to markets with similar pestilence and climatic issues, typically along similar latitudes, equips Parijat with market intelligence to forecast future potential products for the Indian market. Experience with White Fly control in Spain, spurred Parijat to begin registering Pyriproxyfen in India long before the molecule gained its current centrality for cotton farmers. Decreasing demand for Tricyclazole- a rice fungicide- due to lowering of residue acceptance levels in USA allowed Parijat to predict the requirement for a Tricyclazole substitute.

The second advantage of this diversified strategy has been in terms of risk-management, so that a failure of the domestic season is hedged against performance in international markets.

Investments in regulatory strength for Indian and export markets have served to bolster each other and complementarily enhance each in turn.

Parijat’s ecosystem of diversified subsidiaries, global partners and vast distribution network enable delivery across a vast suite of agrochemical products. Parijat has established 6 international offices globally. This subsidiary and office network has enabled it to penetrate challenging markets and access diverse sources of products. The company’s experience in different and diverse geographies globally coupled with over 300 registrations, is positioning Parijat as an ideal partner for global business. The company’s branded formulation exports have reached over 70 countries since its operations which are now well over a decade old.

Parallelly Parijat’s domestic strategy is built on two pillars- Branded sales through a network of 4000 dealers and distributors across the country; and sale of proprietary products (which Parijat has exclusive rights to import) to corporate buyers including most major Indian players in the industry. This out-licensing strategy has enabled Parijat to access wider shelf-space for the products it is pioneering. Parijat’s strategy through its corporate sale division has been to build up the market size rather than battle for market share.

The company has proactively invested in being an early mover and in some cases the first Indian company after the MNC to register newer generation off-patent molecules.

Parijat’s domestic retail business began in 2008. With presence pan India, a formulation plant, strategically placed at the mouth of its agricultural hubs, in Ambala, Haryana; and an upcoming technical plant, Parijat offers over 60 branded products to Indian farmers. Working through 24 depots, Parijat’s retail staff of over 300 sales persons and 75 development executives, a vast network of over 4000 distributors are catered to. Parijat’s key strength and the driving force for its exponential growth, is their strategic 9(3) registrations in key products. Parijat’s strong dealer network and ecosystem of co-marketers is an ideal conduit for reaching the fragmented but lucrative and precipitously growing Indian Agri-inputs market. Having demonstrated experience in market development and extension and are associated with best-in-industry marketing and brand promotion programs.

Keshav Anand, CMD, says, “while Parijat will continue to focus on the crop protection market, agility in both global markets horizontally and in different segments vertically will remain the USP of the company.”

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Parijat Industries intensifies brand outreach to farmers using social media

With the increasing role of digital media in rural marketing, agri-input industries find new challenges and opportunities in reaching out to farmers in a fast-changing technology environment. Parijat Industries, leveraging the advantages of an associated Media Production Firm (LRCF) and technology company (Parijat Innovations), intensifies use of its engagement with digital media such as YouTube, WhatsApp and regional Cable networks to reach out to farmers and dealers nationwide.

Working in 16 Indian states, Parijat was one of the early birds to recognize the potential of Social media and last mile communication in the Agrochemical sector for market and brand extension with farmers. Social Media and ecommerce are penetrating Indian business environment at an ever-increasing pace and technologically driven companies are hoping to cash in on the opportunity with their infrastructure in place.

Having started 3 years back, Parijat has created a pool of media content, in 7 different Indian languages for a blitz targeted on farmers, with short clips and longer films featuring training, brand building and product information for market extension. Parijat’ s crop-focused tutorials, produced as entertaining films with plot-lines and storyboards are consumed as entertainment through cable-TV networks by over 5 Million farmers. The films currently covering- Cotton, Paddy, Sugarcane and Soybean- provide start to end agricultural best-practices while also enabling a unique brand creation strategy. Parijat also has a fleet of 183 vans fitted with LCD screens that run nightly film screening in states across the country.

According to reports, WhatsApp crossed 200 million users in India in 2017, with a large proportion being rural users. Shorter digital media including animated infomercials designed specifically for consumption through mobile phones, has been a key reason for Parijat’s success in launching new products. The WhatsApp video campaign for its cotton white-fly control product Daita, won the marketing wing of Parijat a national level award for rural marketing. It included separate material for dealer education, and farmer education as well as branding media.

The digital campaigns through YouTube, local cable TV networks, WhatsApp and LCD vans perform an incredibly successful lead generation function, bolstered by a national toll-free helpline which helps convert brand recognition into business. The success of the model in India has led Parijat to adopt these practices in its International markets as well, creating French content for West African cotton farmers. The third-layer to the rural marketing strategy as Parijat is the arms of agronomists and agricultural scientists providing details input, demonstration and training to farmers to add depth to the engagement initiated by digital media.

Aditi Anand, Director of Parijat Industries, says that “Technology is actually the ultimate leveler in rural marketing. Our strength in producing high quality video content in multi-lingual formats allows us to access opportunities for nonlinear market expansion and brand building. Digital and social media are going to be paradigm game changers and the challenge for progressive companies is immigration and integration of these new tools with feet on ground marketing and sales infrastructure. By entering early, we have acquired the necessary momentum for harnessing the potential of social media.”

Parijat Industries is an integrated crop protection and public health chemicals manufacturing company, with its head office in New Delhi and manufacturing facilities in Ambala, Haryana. Parijat’s branded agrochemical products are sold in India and in countries on all five continents. With over 400 international existing and ongoing registrations Parijat has established deep technical and regulatory depth in 5 continents.

 

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