रूरल मार्केटिंग में डिजिटल मीडिया की बढ़ती भूमिका और तेज़ी से बदलते तकनीकी माहौल के चलते, किसानों तक अपनी पैठ बनाने में एग्री-इनपुट इंडस्ट्रीज के सामने नई-नई चुनौतियाँ भी हैं और अवसर भी। पारिजात इंडस्ट्रीज ने, एसोसिएटेड मीडिया प्रोडक्शन फर्म (एलआरसीएफ) और टेक्नोलॉजी कम्पनी (पारिजात इन्नोवेशन) का लाभ उठाते हुये देशभर के किसानों तथा डीलरों तक पहुंचने के लिए यू-ट्यूब, व्हाट्सऐप (WhatsApp) जैसे डिजिटल मीडिया और क्षेत्रीय केबल नेटवर्क का प्रयोग बढ़ा दिया है।
16 भारतीय राज्यों में संचालन कर रही, पारिजात इंडस्ट्रीज एग्रोकेमिकल सेक्टर की उन कम्पनियों में से है, जिन्होंने अपने बाज़ार तथा ब्राँड का विस्तार करने और किसानों तक अपनी पहुँच बनाने में सोशल मीडिया की क्षमता को सबसे पहले पहचाना। भारतीय व्यावसायिक परिवेश में सोशल मीडिया तथा ई-कॉमर्स बहुत तेज़ी से अपनी पैठ बना रहे हैं, तथा प्रौद्योगिकी संचालित कम्पनियाँ इसके लिये अपनी मूलभूत सुविधायें पहले से ही तैयार रख कर, हर अवसर का लाभ उठाने की आशा कर रही हैं।
3 वर्ष पहले शुरू करके, पारिजात इंडस्ट्रीज ने किसानों को लक्ष्य करते हुये 7 भिन्न भारतीय भाषाओं में मीडिया कन्टेन्ट का एक विशाल संग्रह तैयार कर लिया है, इसमें प्रशिक्षण देने, ब्राँड निर्माण करने और बाज़ार विस्तार के लिये उत्पाद जानकारी देने हेतु छोटी क्लिप्स तथा लम्बी फिल्में हैं शामिल हैं। पारिजात के फसल पर केन्द्रित ट्यूटोरियल्स, जो कि प्लॉट-लाइंस तथा स्टोरीबोर्ड के साथ मनोरंजक फिल्म के रूप में तैयार किये जाते हैं, केबल टीवी नेटवर्क्स के माध्यम से 50 लाख से भी अधिक किसानों द्वारा किसी मनोरंजक कार्यक्रम की तरह देखे जाते हैं। फिल्मों में अभी – कपास, धान, गन्ना तथा सोयाबीन को कवर किया जाता है, इनमें खेती करने के लिए शुरुआत से लेकर अंत तक सर्वश्रेष्ठ विधियाँ सिखाई जाती हैं, साथ ही, यह एक अनूठी ब्राँड निर्माण रणनीति भी है। पारिजात इंडस्ट्रीज के पास एलसीडी स्क्रीन फिट की हुई 183 वैनों का बेड़ा है, जो भारत के विभिन्न राज्यों में रात को फिल्म की स्क्रीनिंग करती हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार वर्ष 2017 में भारत में 20 करोड़ से अधिक लोग व्हाट्सऐप का प्रयोग कर रहे हैं, और इसमें एक बड़ा हिस्सा ग्रामीण उपयोगकर्ताओं का है। एनिमेटेड इंफोमर्शियल (जानकारीपूर्ण विज्ञापन) सहित शॉर्ट डिजिटल मीडिया, जो खासतौर से मोबाइल फोन के ज़रिये प्रचार के लिये डिज़ाइन किये गये हैं, ही नये उत्पाद लाँच करने में पारिजात की सफलता का मुख्य कारण रहे हैं। कपास में व्हाइट फ्लाई को नियंत्रित करने वाले अपने उत्पाद डैटा के लिये चलाये गये इसके व्हॉट्सअप वीडियो कैम्पेन ने पारिजात के मार्केटिंग विंग को रूरल मार्केटिंग के लिये राष्ट्रीय स्तर का अवार्ड जिताया। इसमें डीलर की शिक्षा एवं किसानों की शिक्षा तथा ब्राँडिंग मीडिया के लिये अलग-अलग सामग्रियां हैं।
यू-ट्यूब, स्थानीय केबल टीवी नेटवर्क, व्हाट्सऐप तथा एलसीडी वैन के माध्यम से किए गए डिजिटल कैम्पेन ने कम्पनी के लिये बड़े पैमाने पर लीड जेनेरेट की और साथ ही, एक नि:शुल्क राष्ट्रीय हेल्पलाइन ने इस ब्राँड पहचान को व्यवसाय में परिवर्तित करने में सहायता की। भारत में इस मॉडल की सफलता ने पारिजात इंडस्ट्रीज को अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में भी इसी पद्धति को अपनाने के लिए प्रेरित किया और कम्पनी ने पश्चिमी अफ्रीका में कपास के किसानों के लिए फ्रेंच भाषा में सामग्री तैयार की। पारिजात इंडस्ट्रीज के पास ग्रामीण मार्केटिंग की तीसरी-परत के रूप में बहुत सारे कृषि-शास्त्री और कृषि विज्ञानी हैं, जो किसानों को विस्तृत विवरण, प्रदर्शन (डेमोन्सट्रेशन) तथा प्रशिक्षण देते हैं और तथा डिजिटल मीडिया द्वारा की गई पहल को और मज़बूत बनाते हैं।
पारिजात इंडस्ट्रीज की निदेशक आदिति आनन्द कहती हैं “ग्रामीण मार्केटिंग में टेक्नोलॉजी की बहुत बड़ी भूमिका है। बहु-भाषी फॉर्मेट में उच्च-स्तरीय वीडियो कन्टेन्ट बनाने की हमारी योग्यता ही हमें तीव्र गति से बाजार विस्तार तथा ब्राँड निर्माण के अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बना रही है। डिजिटल और सोशल मीडिया इस पूरे परिदृश्य में बहुत बड़ा परिवर्तन लाने जा रहे हैं और प्रगतिशील कम्पनियों के सामने चुनौती है यह है, कि वे बुनियादी मार्केटिंग तथा सेल्स इन्फ्रास्ट्रक्चर पर टिके हुये ही इन नये साधनों (टूल्स) को अपनाये और अपनी मौज़ूदा प्रणालियों के साथ एकीकृत करें। जल्दी शुरुआत करने के कारण हमने सोशल मीडिया की सम्भावनाओं का अधिकतम लाभ उठाने के लिए आवश्यक मूमेन्टम हासिल कर लिया है/गति हासिल कर ली है।”
पारिजात इंडस्ट्रीज एक इन्टीग्रेटिड फसल सुरक्षा एवं जन स्वास्थ्य रसायन निर्माता कम्पनी है, इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है तथा उत्पादन केन्द्र अम्बाला, हरियाणा में है। पारिजात इंडस्ट्रीज के ब्राँडेड एग्रोकेमिकल उत्पाद भारत में तथा पांचों महाद्वीपों के देशों में बेचे जाते हैं। पारिजात इंडस्ट्रीज़ के पास 400 अन्तर्राष्ट्रीय पंजीकरण हैं और कुछ अब भी प्रक्रिया में हैं। इस प्रकार कम्पनी ने पाँचों महाद्वीपों में गहन तकनीकी तथा नियामक जानकारी हासिल कर ली है।