वैश्विक अर्थव्यवस्था में किसी भारतीय मैन्युफैक्चरिंग/उत्पादक कम्पनी के लिये ठोस ब्राँड निर्माण ही कारोबार में मुख्य सहायक घटक है। सफल ब्राँड रणनीति एक ऐसी मृगतृष्णा है, जो सभी कम्पनियों के मन में होती है। लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय ब्राँड्स का एक प्रोफाइल बना डालना एक बिल्कुल ही अलग बात है। एक ही ब्राँड बनाने में कई घटकों का एक कीमती, दीर्घावधि तथा जटिल संयोजन लगता है, तो ज़ाहिर है, अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ारों में ब्राँड्स का एक पूरा का पूरा कोश (वॉर चेस्ट) बना डालने में तो ऐसे कई घटक लगेंगे। किसी विदेशी बाजार में एक ट्रेडमार्क हासिल करना, ब्राँड रणनीति के आधार-स्तंभ होते हैं। ट्रेडमार्क्स या तो अलग-अलग देशों में विनिर्दिष्ट ट्रेडमार्क प्राधिकरणों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है, अथवा डब्ल्यूआईपीओ, ईयूआईपीओ, एआरआईपीओ जैसे अन्तर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल के माध्यम से।
भारतीय कम्पनियां अब केवल भारत में ही बढ़त हासिल करके संतुष्ट नहीं हैं, बल्कि इस चुनौतीपूर्ण मार्ग पर आगे बढ़कर अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ारों तक अपनी पैठ बनाने को लेकर गंभीरता से सोच रही हैं और चीन के सस्ते दामों तथा पश्चिमी के स्थापित बाज़ारों एवं बहु-राष्ट्रीय ब्राँडों का मुकाबला करने के लिये उनमें एक स्वाभाविक इच्छा का होना आवश्यक है। बहुत-सी भारतीय कम्पनियों ने अन्तर्राष्ट्रीय ब्राँड्स निर्मित किये हैं। पारिजात इंडस्ट्रीज, उच्च गुणवत्ता वाले एग्रोकेमिकल फॉर्मूलेशन की निर्माता, भारत के अग्रणी ब्राँडेड एग्रोकेमिकल निर्यातकों में से एक है और इसके पास अन्तर्राष्ट्रीय ब्राँडों तथा रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क्स का एक शानदार संग्रह है।
पारिजात इंडस्ट्रीज एशिया, अफ्रीका, यूरोप, उत्तर एवं दक्षिण अमेरिका तथा ओशिनिया एवं सीआईएस में निर्यात करती है; कम्पनी एवं इसकी अन्तर्राष्ट्रीय सहायक कम्पनियों ने शांतिपूर्वक ढंग से एक अन्तर्राष्ट्रीय ब्राँड निर्माण रणनीति पर काम करना शुरू किया और विश्व भर के 45 देशों में ट्रेडमार्क्स का अपना एक शानदार कोश बना लिया। साथ ही, 10 ट्रेडमार्क पाइपलाइन मिलने की प्रक्रिया में हैं। इसमें इसका मूल ब्राँड पारिजात तथा/अथवा इसके ब्राँडेड फॉर्म्यूलेटेड उत्पादों के लिये ट्रेडमार्क शामिल हैं। अलग-अलग महाद्वीपो के कई देशों में ब्राँडेड फॉर्म्यूलेशंस में ट्रेडमार्क प्राप्त किए जा चुके हैं, जैसे कि इंग्लैंड, फ्रांस, कनाडा, बांग्लादेश, म्यांमार, सूडान, केन्या, ईराक, रूस, ज्यॉर्जिया, पेरू, एक्वादोर तथा गयाना। इनके अलावा कम्पनी के पास पहले से ही भारतीय बाजार में 60 से अधिक ट्रेडमार्क्ड ब्राँड्स हैं, कम्पनी भारत के 22 राज्यों में अपना माल बेचती है। एक ब्राँड हासिल करने में पर्याप्त समय और निवेश की ज़रूरत पड़ती है, इसमें 6 महीने से लेकर 3 वर्ष तक का समय लग सकता है। यदि कोई आपत्ति की जाती है और मुकदमा चलता है, तो ऐसे में कई वर्ष भी लग सकते हैं।
किसी भी देश में एक कीटनाशक फॉर्म्यूलेशन का पंजीकरण हासिल करना एक लम्बी प्रक्रिया है, और इसमें कम से कम औसतन 2-3 वर्ष लग जाते हैं। इसलिए ब्राँडिंग एवं ट्रेडमार्क हासिल करने की प्रक्रिया उत्पाद पंजीकरण साथ- साथ ही हो जानी चाहिये। पारिजात इंडस्ट्रीज ने 45 देशों में 400 उत्पाद पंजीकरण का एक शानदार आँकड़ा तैयार कर लिया है, जो कि अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ारों में ट्रेडमार्क्ड ब्राँड्स निर्माण के लिये एक आधारशिला का काम करेगा और आगामी वर्षों में पारिजात इसका पूरा लाभ उठाने को तैयार है।
पारिजात इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष एवं प्रबन्धन निदेशक केशव आनन्द कहते हैं “वैश्विक स्तर पर पंजीकरण करवाना तथा ट्रेडमार्क्स हासिल करना हमारी एक रणनीतिक पहल है, इसकी सहायता से हम उचित अवसर आने पर प्रत्येक बाजार में बड़े पैमाने पर सफलता हासिल करेंगे।”